तेजस्वी यादव बायोग्राफी ( Biography of Tejaswi Yadav)

Biography of Tejaswi Yadav

Biography of Tejaswi Yadav बिहार के युवा नेता तेजस्वी यादव का नाम आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। 🌟 लालू प्रसाद यादव के पुत्र के रूप में जन्मे तेजस्वी ने क्रिकेट के मैदान से लेकर राजनीति के अखाड़े तक अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

एक समय में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में क्रिकेटर के रूप में खेलने वाले तेजस्वी ने राजनीति में प्रवेश करके सभी को चौंका दिया। आज वे बिहार के डिप्टी सीएम के रूप में राज्य की सेवा कर रहे हैं। ⭐ क्रिकेट के मैदान से राजनीति के मैदान तक का उनका सफर बेहद रोचक और प्रेरणादायक है।

आइए जानते हैं तेजस्वी यादव के जीवन की कहानी – उनके बचपन से लेकर वर्तमान राजनीतिक जीवन तक, क्रिकेट करियर से लेकर विवादों तक, और उनके व्यक्तिगत जीवन की कुछ अनसुनी बातें। 🔍

Biography of Tejaswi Yadav

प्रारंभिक जीवन और परिवार

जन्म और बचपन

तेजस्वी यादव का जन्म 9 नवंबर 1989 को पटना, बिहार में हुआ। उनका बचपन पटना में ही बीता, जहाँ उन्होंने अपने माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के साथ रहकर राजनीति का प्रारंभिक अनुभव प्राप्त किया।

परिवार का राजनीतिक पृष्ठभूमि

तेजस्वी एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं:

परिवार के सदस्यराजनीतिक पद
लालू प्रसाद यादवबिहार के पूर्व मुख्यमंत्री
राबड़ी देवीबिहार की पूर्व मुख्यमंत्री
मीसा भारतीराज्यसभा सांसद
Biography of Tejaswi Yadav

शिक्षा और पढ़ाई

  • दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर.के. पुरम में प्रारंभिक शिक्षा
  • नौवीं कक्षा के बाद शिक्षा छोड़कर क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित किया
  • क्रिकेट में विशेष रुचि – दिल्ली अंडर-19 टीम का हिस्सा रहे
  • झारखंड राज्य क्रिकेट टीम में भी खेले

अब क्रिकेट से राजनीति तक के उनके सफर की कहानी एक रोचक अध्याय है, जिसमें उन्होंने अपने खेल करियर से कई महत्वपूर्ण सबक सीखे।

https://www.pexels.com/photo/boys-playing-cricket-3718433/

क्रिकेट करियर

झारखंड क्रिकेट टीम में योगदान

तेजस्वी यादव ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत झारखंड क्रिकेट टीम से की। उन्होंने मध्यम क्रम के बल्लेबाज के रूप में टीम का प्रतिनिधित्व किया और कई महत्वपूर्ण मैचों में अपनी टीम का नेतृत्व किया।

रणजी ट्रॉफी में प्रदर्शन

रणजी ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन निम्नलिखित रहा:

सीज़नमैचरनऔसत
2009517028.33
2010415025.00
2011622031.42

उनके प्रमुख क्रिकेट उपलब्धियां:

  • दिल्ली डेयरडेविल्स आईपीएल टीम में चयन
  • झारखंड अंडर-19 टीम का नेतृत्व
  • कई महत्वपूर्ण घरेलू टूर्नामेंट में भागीदारी

क्रिकेट से राजनीति तक का सफर

क्रिकेट में सक्रिय रहने के बाद, तेजस्वी ने 2015 में राजनीति में प्रवेश किया। उनके क्रिकेट अनुभव ने उन्हें टीम भावना, नेतृत्व कौशल और रणनीतिक सोच विकसित करने में मदद की, जो बाद में उनके राजनीतिक करियर में बहुत काम आई। अब राजनीति में उनकी बढ़ती भूमिका के साथ, वे बिहार के विकास के लिए नए दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं।

राजनीतिक यात्रा

राजद में प्रवेश

राष्ट्रीय जनता दल में तेजस्वी यादव का प्रवेश 2015 में हुआ। अपने पिता लालू प्रसाद यादव की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने पार्टी में युवा नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई।

विधान सभा में युवा नेता

  • 2015 में पहली बार विधायक बने
  • सबसे कम उम्र के विधायकों में से एक
  • युवाओं के मुद्दों को मजबूती से उठाया
  • रोजगार और शिक्षा पर विशेष ध्यान

उप-मुख्यमंत्री का कार्यकाल

कार्यकालप्रमुख उपलब्धियां
2015-2017विकास योजनाओं का क्रियान्वयन
2022-वर्तमानरोजगार सृजन पर फोकस

बिहार में नेतृत्व की भूमिका

  • महागठबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका
  • युवा वर्ग में लोकप्रियता
  • आधुनिक विचारधारा के साथ पारंपरिक मूल्यों का समावेश
  • सामाजिक न्याय और विकास पर जोर

नीतीश कुमार के साथ वर्तमान गठबंधन में, तेजस्वी बिहार के विकास के लिए नई पहल कर रहे हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा से यह स्पष्ट है कि वे न केवल अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं, बल्कि एक नए युग के नेता के रूप में भी उभर रहे हैं। अब, आगे हम उनकी प्रमुख उपलब्धियों और विवादों पर नज़र डालेंगे।

प्रमुख उपलब्धियां और विवाद

महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय

  • रोजगार सृजन: 10 लाख नौकरियों का वादा और कार्यान्वयन प्रक्रिया
  • शिक्षा क्षेत्र में सुधार: स्कूलों का आधुनिकीकरण और टीचर भर्ती
  • युवा कौशल विकास कार्यक्रम की शुरुआत

विकास कार्य

प्रमुख परियोजनाएं:

क्षेत्रउपलब्धियां
बुनियादी ढांचासड़कों का निर्माण, पुलों का विकास
स्वास्थ्यनए अस्पतालों की स्थापना, स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन
कृषिकिसान सहायता योजनाएं, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार
Biography of Tejaswi Yadav

राजनीतिक विवाद

  • भूमि घोटाला मामला और सीबीआई जांच
  • रोजगार वादों पर विपक्ष के आरोप
  • नौकरी के बदले जमीन घोटाला आरोप

किसान कल्याण और ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान देते हुए, तेजस्वी यादव ने बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हालांकि, कुछ विवादों ने उनकी छवि को प्रभावित किया है। नीतीश कुमार के साथ गठबंधन में, वे अब बिहार के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नई रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। अब हम उनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में जानेंगे, जो उनकी राजनीतिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

व्यक्तिगत जीवन

विवाह और पारिवारिक जीवन

तेजस्वी यादव ने दिसंबर 2021 में राज लक्ष्मी से विवाह किया। राज लक्ष्मी एक क्रिस्चियन परिवार से हैं और दिल्ली में रहती थीं। उनकी शादी दिल्ली फार्महाउस में एक भव्य समारोह में संपन्न हुई, जिसमें राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र की कई हस्तियां शामिल हुईं।

जीवनशैली

तेजस्वी एक सादा जीवन जीने में विश्वास रखते हैं। उनकी दिनचर्या में शामिल हैं:

  • सुबह जल्दी उठना और व्यायाम
  • नियमित योग और ध्यान
  • स्थानीय बिहारी व्यंजनों को पसंद करना
  • जनता से सीधा संवाद

सार्वजनिक छवि

पहलूविशेषताएं
नेतृत्व शैलीयुवा और गतिशील
संचार कौशलसीधा और प्रभावी
जनता से जुड़ावमजबूत जमीनी संपर्क

तेजस्वी को एक आधुनिक और प्रगतिशील नेता के रूप में जाना जाता है। उनकी सार्वजनिक छवि एक ऐसे नेता की है जो परंपरागत राजनीति को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ने में सक्षम है। सोशल मीडिया पर भी वे काफी सक्रिय रहते हैं और युवाओं से सीधा संवाद करते हैं। अब आगे चलकर हम देखेंगे कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में क्या प्रमुख उपलब्धियां हासिल की हैं।

तेजस्वी यादव की यात्रा एक सामान्य युवा से लेकर बिहार के उप-मुख्यमंत्री तक की रही है। क्रिकेट के मैदान से राजनीति के क्षेत्र में आने के बाद, उन्होंने अपनी कर्मठता और दृढ़ संकल्प से युवाओं के लिए एक नई राह दिखाई है। उनका जीवन दर्शाता है कि परिवर्तन और सफलता के लिए कभी भी देर नहीं होती।

युवा नेता के रूप में तेजस्वी ने बिहार की राजनीति में नए विचारों और ऊर्जा का संचार किया है। आज की युवा पीढ़ी के लिए वे एक प्रेरणास्रोत हैं, जो दिखाते हैं कि दृढ़ इच्छाशक्ति और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। नए बिहार के निर्माण में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण साबित होगी। 5 Lekhak ka Jiwan parichay | 5 लेखक का जीवन परिचय

motivenews.net. digitallyamera.com

Tulsidas ka Jiwan Parichay | तुलसीदास का जीवन परिचय

Tulsidas ka Jiwan Parichay

प्रारंभिक जीवन:

Tulsidas ka Jiwan Parichay तुलसीदास का जन्म वाराणसी में हुआ था। उनके पिता का नाम आत्माराम था और माता का नाम हुलसी देवी था। उनका जन्म सवंत 1589 में हुआ था। वे कन्याकुब्जा या संध्याय ब्राह्मण परिवार से थे । उनके जीवन के बारे में बहुत से मतभेद हैं । Tulsidas ka Jiwan Parichay

Tulsidas ka Jiwan Parichay
Tulsidas ka Jiwan Parichay

तुलसीदास का जीवन परिचय

Tulsidas ka Jiwan Parichay

तुलसीदास की रचनाएँ

रामललानहछू, वैराग्य-संदीपनी, बरवै रामायण, कलिधर्माधर्म निरुपण, कवित्त रामायण, छप्पय रामायण, कुंडलिया रामायण, छंदावली रामायण, सतसई, जानकी-मंगल, पार्वती-मंगल, श्रीकृष्ण-गीतावली, झूलना, रोला रामायण, राम शलाका, कवितावली, दोहावली, रामाज्ञाप्रश्न, गीतावली, विनयपत्रिका, संकट मोचन आदि । Tulsidas ka Jiwan Parichay

साहित्यिक कार्य:

तुलसीदास एक महान कवि और समाज सुधारक थे। उनकी कविताएं और रचनाएं आज भी हमें उत्साहित करती हैं।

रामचरितमानस के लेखक:

तुलसीदास ने ‘रामचरितमानस’ की रचना की थी, जो उनका प्रसिद्धतम कृति मानी जाती है।

तुलसीदास की धार्मिक दृष्टि:

उन्होंने भगवान राम के भक्ति-भाव को बहुत महत्व दिया था।

ज्ञान स्फूर्ति और शिक्षा:

तुलसीदास का ज्ञान और शिक्षा के प्रति बहुत गहरा सम्बन्ध था।

प्रेम से भावुक लेखन:

उनकी रचनाएं प्रेम और भावनाओं से भरी होती थीं। वे एक भावुक लेखक थे । Tulsidas ka Jiwan Parichay

समाज सेवा की भावना:

तुलसीदास में समाजसेवा की भावना कूटकूट कर भरी थी, उन्होंने समाज सेवा की महत्वपूर्णता को समझा और उसमें अपना योगदान दिया।

संस्कृति और उन्होंने किये योगदान:

उन्होंने भाषा, संस्कृति और समाज को लेकर कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं।

वे एक संत भी थे:

तुलसीदास ने अपने काव्यों के माध्यम से समाज को धर्मिक और नैतिक मार्गदर्शन दिया।

तुलसीदास के उपदेश:

उनके उपदेश आज भी हमें सही राह दिखाते हैं।

अस्थि चर्म मय देह यह, ता सों ऐसी प्रीति।।

नेकु जो होती राम से, तो काहे भव-भीत ?

Tulsidas ka Jiwan Parichay

उपन्यासकार और कवि:

तुलसीदास एक उत्कृष्ट उपन्यासकार और कवि थे।

कल्याण मिलेगा जब तक:

उनकी रचनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि कल्याण मिलेगा जब तक हम भगवान में विश्वास और प्रेम रखें।

तुलसीदास के समृद्ध जीवन के संदर्भ में:

तुलसीदास का जीवन एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जिससे हमें क्या सिखने को मिलता है। Tulsidas ka Jiwan Parichay

तुलसीदास सिद्धांत के अनुसार:

उनके सिद्धांत और विचार हमें सच्चे धर्म और प्रेम के महत्व को समझाते हैं। Tulsidas ka Jiwan Parichay

समापन

इस लेख में हमने तुलसीदास के जीवन के बारे में जानकारी प्रदान की है। उनका जीवन एक शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक है। उनके काव्य और सिद्धांत हमें अपने जीवन में उसी दिशा में अग्रसर रहने की प्रेरणा देते हैं। गरिमा जैन का जीवन परिचय | Biography of Garima Jain, Tulsidas ka Jiwan Parichay

motivenews.net, digutallycamera.com

तुलसीदास की कविताओं में क्या विशेषता थी?

लसीदास जी हिंदी साहित्य के सबसे महान कवियों में से एक हैं। उनकी रचनाओं में अनेक विशेषताएं हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. भावपूर्ण भाषा: तुलसीदास जी की भाषा अत्यंत भावपूर्ण और प्रभावशाली है। वे सहज, सरल और आम लोगों की भाषा का प्रयोग करते थे, जिसके कारण उनकी रचनाएं आज भी जन-जन में लोकप्रिय हैं।
2. विविध रसों का समावेश: तुलसीदास जी की रचनाओं में सभी रसों का समावेश मिलता है। श्रृंगार, वीर, करुण, हास्य, भयानक, अद्भुत – सभी रसों का उन्होंने बखूबी चित्रण किया है।
3. नीति और दर्शन: तुलसीदास जी की रचनाओं में नीति और दर्शन का भी समावेश है। उन्होंने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय रखी है। उनकी रचनाएं आज भी लोगों को प्रेरणा देती हैं।
4. अलंकारों का प्रयोग: तुलसीदास जी ने अपनी रचनाओं में अनेक अलंकारों का प्रयोग किया है। उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अनुप्रास, यमक, श्लेष आदि अलंकारों का उन्होंने कुशलतापूर्वक प्रयोग किया है, जिसके कारण उनकी रचनाएं और भी प्रभावशाली बन गई हैं।
5. लोकप्रियता: तुलसीदास जी की रचनाएं आज भी उतनी ही लोकप्रिय हैं जितनी कि उनके समय में थीं। उनकी रचनाओं का हिंदी साहित्य पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

तुलसीदास का जीवन का महत्व क्या है?

तुलसीदास जी हिंदी साहित्य के सबसे महान कवियों में से एक हैं। उनका जन्म 1511 में हुआ था और उनकी मृत्यु 1623 में हुई थी। उन्होंने अपने जीवनकाल में अनेक रचनाएं लिखीं, जिनमें रामचरितमानस, हनुमान चालीसा, विनय पत्रिका, दोहावली, कृतत्वबोध, गीतावली, रामलाल चरितु, जानकी मंगल, कवितावली, साहित्य रत्नाकर, सुंदरकांड, वामनचरित, और श्री रामचरितमाहापुराण आदि प्रमुख हैं।
तुलसीदास जी का जीवन अनेक विपत्तियों और संघर्षों से भरा था। उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, लेकिन उनके पिता उनका जन्म होते ही त्याग कर चले गए। उनकी माँ ने उनका पालन-पोषण किया।
तुलसीदास जी बचपन से ही भगवान राम के प्रति भक्त थे। उन्होंने रामचरितमानस की रचना अवधी भाषा में की, जो आज भी हिंदी साहित्य की सबसे लोकप्रिय रचनाओं में से एक है।
तुलसीदास जी ने अपने जीवन में अनेक सामाजिक सुधारों का भी काम किया। उन्होंने जातिवाद और छुआछूत का विरोध किया और महिलाओं के अधिकारों की वकालत की।
तुलसीदास जी का जीवन और रचनाएं आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। वे हिंदी साहित्य के एक महान स्तंभ हैं और उनका योगदान सदैव स्मरण किया जाएगा।

गरिमा जैन का जीवन परिचय | Biography of Garima Jain

गरिमा जैन एक भारतीय अभिनेत्री हैं जो हिंदी फिल्मों और वेब सीरीज में अपने काम के लिए जानी जाती हैं। उनका जन्म 13 मार्च 1993 को इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उन्होंने 2013 में टीवी शो ‘दोस्ती यारियां मनमर्जियां’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। उसके बाद उन्होंने ‘मैं ना भूलूंगी’, ‘ये है मोहब्बतें’, ‘शक्ति-अस्तित्व के एहसास की’ और ‘संकटमोचन महाबली हनुमान’ जैसे कई लोकप्रिय टीवी शो में काम किया।

Biography of Garima Jain

गरिमा जैन ने मर्दानी 2, इन गंदी बात 2019 में, जैन ने फिल्म ‘मर्दानी 2’ से बॉलीवुड डेब्यू किया।

Biography of Garima Jain

उन्होंने फिल्म में रानी मुखर्जी के साथ काम किया। इसके बाद वह ‘आफत-ए-इश्क’ और ‘गंदी बात 4’ जैसी फिल्मों में नजर आईं। जैन को उनकी बोल्ड और दमदार भूमिकाओं के लिए जाना जाता है। वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं और अक्सर अपनी हॉट एंड ग्लैमरस तस्वीरें शेयर करती रहती हैं।

जन्म और शिक्षा:

  • गरिमा जैन का जन्म 13 मार्च 1993 को इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था।
  • उन्होंने इंदौर के शिशुकुंज इंटरनेशनल स्कूल, एडवांस एकेडमी और विद्या सागर स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की।
  • उन्होंने प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (PIMR) से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

करियर:

  • गरिमा ने 2015 में टीवी धारावाहिक “दोस्ती यारियां मनमर्जियां” से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की।
  • उन्होंने “मिसिस कौशिक की पाँच बहुएँ”, “मैं ना भूलूंगी”, “महाभारत (2013)”, “कवच”, “आज की हाउसवाइफ सब जानती है” जैसे कई लोकप्रिय टीवी धारावाहिकों में काम किया है।
  • 2016 में, उन्होंने “शक्ति – अस्तित्व के एहसास की” में “पारो” की भूमिका निभाई, जो उनके करियर की सबसे महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक थी।
  • 2020 में, उन्होंने “गंदी बात 4” वेब सीरीज में “शिखा” का किरदार निभाया, जिसने उन्हें काफी लोकप्रियता दिलाई।
  • गरिमा ने “मर्दानी 2”, “आफत-ए-इश्क”, “तंत्र” और “मस्तराम” जैसी फिल्मों में भी काम किया है।

पुरस्कार और सम्मान:

  • गरिमा को “शक्ति – अस्तित्व के एहसास की” में “पारो” की भूमिका के लिए “सर्वश्रेष्ठ नकारात्मक भूमिका” के लिए “इंडियन टेली अवार्ड” से सम्मानित किया गया था।
  • उन्हें “गंदी बात 4” में “शिखा” की भूमिका के लिए “सर्वश्रेष्ठ वेब अभिनेत्री” के लिए “गोल्डन एरा अवार्ड” भी मिला है।

व्यक्तिगत जीवन:

  • गरिमा जैन अभी अविवाहित हैं।
  • वह एक कुशल नृत्यांगना और गायिका हैं।
  • उन्हें यात्रा करना और नई चीजें सीखना पसंद है।

गरिमा जैन एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं जिन्होंने अपने अभिनय कौशल से दर्शकों का दिल जीता है।

यहां गरिमा जैन के कुछ लोकप्रिय टीवी धारावाहिकों और वेब सीरीज की सूची दी गई है:

  • टीवी धारावाहिक:
    • दोस्ती यारियां मनमर्जियां
    • मिसिस कौशिक की पाँच बहुएँ
    • मैं ना भूलूंगी
    • महाभारत (2013)
    • कवच
    • आज की हाउसवाइफ सब जानती है
    • शक्ति – अस्तित्व के एहसास की
    • श्रीमद् भागवत महापुराण
  • वेब सीरीज:
    • गंदी बात 4
    • मर्दानी 2
    • आफत-ए-इश्क
    • तंत्र
    • मस्तराम

यह गरिमा जैन के जीवन परिचय का संक्षिप्त विवरण है।

जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय | Biography Of Jaishankar Prasad

Biography Of Jaishankar Prasad
Biography Of Jaishankar Prasad

जयशंकर प्रसाद

Biography Of Jaishankar Prasad जयशंकर प्रसाद महादेवी बिघा-पश्चिम चंपारण जिले, बिहार में जन्मे थे। उन्होंने अपनी काव्य रचनाओं और साहित्यिक योगदान के लिए विशेष मान्यता प्राप्त की। उनकी रचनाओं में आम जनता की मुद्दों को उठाने की व्यापक प्रवृत्ति और राष्ट्रीय भावना को जीवित करने की खोज दिखाई देती है। यह ब्लॉग पोस्ट जयशंकर प्रसाद के जीवन पर एक संक्षेप में चर्चा करेगी।

Biography Of Jaishankar Prasad

जयशंकर प्रसाद 30 जनवरी, 1889 में बिघा-चंपारण जिले के एक छोटे से गांव में जन्मे। उनके पिता का नाम आचार्य धर्मेश्वर प्रसाद था, जो एक स्कूल अध्यापक थे। उनकी माता अनंतदेवी भोगवाल भी एक गृहिणी थीं। 12 वर्ष की आयु में वे वीरकुन्बर वॉड जा पहुंचे और वहां अपनी शिक्षा जारी रखी। उनका परिवार उत्साही और पढ़ा-लिखा होने के कारण, उन्होंने आगे अपने अध्ययनों का आगे भी ख़ूबानी बढ़ाई और संघर्षशीलता से अपना मंज़िल प्राप्त की।

जयशंकर प्रसाद जी का विवाह

प्रसाद जी का पहला विवाह 1909 ई॰ में विंध्यवासिनी देवी के साथ हुआ था। उनकी पत्नी को क्षय रोग था। सन् 1916 ई॰ में विंध्यवासिनी देवी का निधन हो गया। उसी समय से उनके घर में क्षय रोग के कीटाणु प्रवेश कर गये थे। सन् 1917 ई॰ में सरस्वती देवी के साथ उनका दूसरा विवाह हुआ। दूसरा विवाह होने पर उनकी पहली पत्नी की साड़ियों आदि को उनकी द्वितीय पत्नी ने भी पहना और कुछ समय बाद उन्हें भी क्षय रोग हो गया और दो ही वर्ष बाद 1919 ई॰ में उनका देहांत भी प्रसूतावस्था में क्षय रोग से ही हुआ। इसके बाद पुनः घर बसाने की उनकी लालसा नहीं थी, परंतु अनेक लोगों के समझाने और सबसे अधिक अपनी भाभी के प्रतिदिन के शोकमय जीवन को सुलझाने के लिए उन्हें बाध्य होकर विवाह करना पड़ा था।

artificial-intelligence

सन् 1919 ई॰ में उनका तीसरा विवाह कमला देवी के साथ हुआ। उनका एकमात्र पुत्र रत्नशंकर प्रसाद तीसरी पत्नी की ही संतान थे, जिनका जन्म सन् १९२२ ई॰ में हुआ था। स्वयं प्रसाद जी भी जीवन के अंत में क्षय रोग से ग्रस्त हो गये थे और एलोपैथिक के अतिरिक्त लंबे समय तक होमियोपैथिक तथा कुछ समय आयुर्वेदिक चिकित्सा का सहारा लेने के बावजूद इस रोग से मुक्त न हो सके और अंततः इसी रोग से 15 नवम्बर 1937(दिन-सोमवार) को प्रातःकाल (उम्र 47) उनका देहान्त काशी में हुआ। Biography Of Jaishankar Prasad

साहित्यिक योगदान

जयशंकर प्रसाद एक मशहूर हिंदी कवि और लेखक थे। उन्होंने कई उपन्यास, काव्य संग्रह और नाटक लिखे। उनकी रचनाएं आधारभूत स्वतंत्रता संग्राम और आंतर्राष्ट्रीय लोकप्रियता को प्राप्त कर चुकी हैं। वह भारतीय साहित्य के ऊँचे अखंड स्तम्भ माने जाते हैं।

१. उपन्यास

जयशंकर प्रसाद के उपन्यास “कामायनी” को उनकी मुख्य रचना माना जाता है। इसमें रंगभूमि में महाभारत के मानवीय युद्ध को छोटे मोटे किस्सों के रूप में वर्णित किया गया है। इस उपन्यास में प्रेम, धर्म, और मानवीयता के मुद्दे गहरी रूप से दिखाए गए हैं।

२. काव्य संग्रह

जयशंकर प्रसाद के काव्य संग्रह में उनकी रचनाओं का संग्रह है, जो उनकी भाषा का संगीतमय और रागी हिस्सा माने जाते हैं। “आर्ज़ी की किताबें”, “आसमान और गर्त” हैं, जो उनकी मशहूरी को प्रतिष्ठित करते हैं।Biography Of Jaishankar Prasad

३. नाटक

जयशंकर प्रसाद पुरस्कार के विजेता “स्कन्धगुप्त” उनका प्रसिद्ध नाटक है। इसमें वे स्वतंत्रता संग्राम के समय के महानायक स्कन्धगुप्त को वृतान्तरूप में प्रस्तुत करते हैं। इस नाटक में उन्होंने आधिपत्य, गरीबी, और स्वतंत्रता को स्पष्टता से दर्शाया है।Biography Of Jaishankar Prasad

निष्कर्ष

जयशंकर प्रसाद के जीवन परिचय से हमें यह पता चलता है कि वे न केवल एक महान कवि बल्कि एक विचारशीलता और आध्यात्मिकता के अभियांता भी थे। उन्होंने अपने काव्य के माध्यम से समाज को संवेदनशील बनाने का प्रयास किया और उनकी रचनाएं आज भी हमें सोचने और समझने के लिए प्रेरित करती हैं।Biography Of Jaishankar Prasad

“समयिकों के साथ चलकर, मैंने देखा है, जीवन इसमें है” – जयशंकर प्रसाद

motivenews.net

Biography Of Jaishankar Prasad motivenews.net

Biography of Surdas | सूरदास का जीवन परिचय

digitallycamera.com

Madhuri Pawar | माधुरी पवार: The Rising Star in Indian

Madhuri Pawar

Introduction

Politics, a realm where power, passion, and the pursuit of change converge. In the diverse landscape of Indian politics, a name that has been steadily gaining momentum is that of माधुरी पवार (Madhuri Pawar). A force to be reckoned with, Madhuri Pawar’s journey in politics has been nothing short of remarkable. From her humble beginnings to her rising prominence, this article delves into the life, achievements, and impact of Madhuri Pawar.

Madhuri Pawar

A Glimpse into Madhuri Pawar’s Early Life

Born and raised in a small village in Maharashtra, Madhuri Pawar grew up witnessing the challenges faced by her community. Her early experiences shaped her awareness of social inequalities and ignited a fire within her to create meaningful change. Guided by this passion, Pawar dedicated herself to education and empowerment, paving the way for her future in politics.

The Political Journey Begins

Madhuri Pawar’s foray into the world of politics began when she joined a local youth organization. Recognizing her unwavering commitment and leadership abilities, Pawar gradually rose through the ranks, gaining respect and admiration among her peers. Her dedication and drive soon caught the attention of influential political figures, catapulting her into the limelight.

Empowering Women: A Cornerstone of Madhuri Pawar’s Agenda

One area where Madhuri Pawar has championed change is women’s empowerment. Recognizing the immense potential and talent that lies within women, Pawar has tirelessly fought for their rights and representation. She has spearheaded initiatives to provide equal opportunities, promote education, and create safe spaces for women. By giving women a voice, Pawar believes society can truly progress towards a more inclusive and balanced future.

A Progressive Vision for Rural Development

Apart from women’s empowerment, Madhuri Pawar has cemented her dedication to rural development. With firsthand experience of the challenges faced by her village, Pawar understands the pressing needs and aspirations of rural communities. She advocates for sustainable agriculture practices, infrastructure development, and access to basic amenities. Her vision for inclusive rural development has garnered support from various quarters and promises positive change for marginalized communities.

Madhuri Pawar on Instagram

Photo by Madhuri Pawar on September 06, 2023. May be an image of poster.

Education: The Key to Empowerment

Education lies at the heart of Madhuri Pawar’s agenda. Believing that education is the most potent tool for empowerment, she has tirelessly advocated for improved educational opportunities for all. Pawar has spearheaded initiatives to build schools, provide scholarships, and enhance the quality of education. Her efforts in this domain have empowered countless individuals and transformed the lives of many.

The Role of Youth: Inspiring Generations

Madhuri Pawar’s journey serves as an inspiration to millions of young individuals across the nation. Her rise from a small village to the national stage showcases the power of perseverance and determination. Pawar actively engages with the youth, harnessing their energy and passion for a better tomorrow. Through mentorship programs and advocacy, she encourages young minds to actively participate in shaping the future of the nation.

The Road Ahead: Impact and Legacy

Madhuri Pawar’s journey in politics has already left an indelible impact on society. Her unwavering dedication to the welfare of women, rural communities, and education has garnered widespread support and admiration. As she continues to rise in prominence, Pawar’s legacy will undoubtedly inspire future leaders and pave the way for greater progress and social justice in Indian politics.

Conclusion

In a world that often feels weary and divided, leaders like माधुरी पवार (Madhuri Pawar) offer a glimmer of hope. Her unwavering commitment, vision, and achievements stand as a testament to the power of relentless pursuit and determination. As Pawar continues to make her mark in Indian politics, her impact on women, rural communities, and education will resonate for generations to come. Allu Arjun biography | अल्लू अर्जुन की जीवनी

Sonu Sood biography | सोनू सूद का जीवन परिचय

“Never underestimate the power of a determined woman; she can change the world.” – माधुरी पवार

External link: Learn more about Madhuri Pawar’s initiatives and achievements

motivenews.net digitallycamera.com

Neelam Kothari | नीलम कोठारी : ए जर्नी ऑफ ग्रेस एंड ग्लैमर

Neelam Kothari

परिचय

Neelam Kothari : बॉलीवुड की दुनिया में ऐसे कई खूबसूरत लोग हैं, जिन्हें कॉस्टयूम इंडस्ट्रीज़ पर अपना अमित छाप छोड़ दिया गया है। ऐसी ही एक विशेषज्ञ हैं निज़ाम कोठारी। अपनी ली गई यात्रा को चित्रित करने वाली प्राकृतिक और जादुई शैली के साथ, निज़ालैंड ने अपने स्मारक प्रदर्शनों और विदेशी शैली से लाखों अनुयायियों की मूर्तियों को मोहित कर दिया है। इस जीवनी में हमने निज़ाम कोठारी के जीवन के बारे में विस्तार से चित्र दिए हैं, जिसमें एक बाल कलाकार से लेकर एक सफल अभिनेत्री तक का उनका सफर दिखाया गया है।

प्रारंभिक जीवन और सिल्वर स्क्रीन से परिचय

नीलम कोठारी का जन्म 9 नवंबर 1969 को हांगकांग में आभूषण डिजाइनरों के एक गुजराती परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता आभूषण व्यवसाय से जुड़े थे, जिससे नीलम का बचपन से ही रत्नों के प्रति आकर्षण जग गया। एक बच्चे के रूप में, नीलम मुंबई चली गईं, जहां नियति ने उनके लिए अविश्वसनीय योजनाएं बनाई थीं। अभिनय के प्रति नीलम का जुनून तब आकार लेना शुरू हुआ जब उन्होंने 10 साल की उम्र में फिल्म “जवानी” में एक बाल कलाकार के रूप में फिल्म उद्योग में अपनी शुरुआत की। उनकी आकर्षक स्क्रीन उपस्थिति ने दर्शकों और फिल्म निर्माताओं का ध्यान आकर्षित किया। इससे सिल्वर स्क्रीन के साथ नीलम की मुलाकात की शुरुआत हुई।

Rising to Fame: Neelam’s Bollywood Career

A Promising Debut

एक बाल कलाकार से एक प्रमुख महिला के रूप में नीलम का परिवर्तन 1984 में उनकी पहली फिल्म “एक मुट्ठी आसमान” की रिलीज के साथ हुआ। वीरेंद्र शर्मा द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने एक अभिनेत्री के रूप में नीलम की बहुमुखी प्रतिभा को प्रदर्शित किया। उनके प्रदर्शन को आलोचकों और दर्शकों द्वारा समान रूप से सराहा गया, जिससे उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार के लिए नामांकन मिला।

यादगार सहयोग और ब्लॉकबस्टर

नीलम ने इंडस्ट्री के कुछ सबसे बड़े नामों के साथ सहयोग किया और बॉलीवुड परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। सह-कलाकार गोविंदा के साथ उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री को प्रशंसकों द्वारा सराहा गया, जिससे “लव 86,” “इल्ज़ाम,” और “खुदगर्ज” जैसी कई सफल फ़िल्में आईं, जो 80 के दशक के दौरान घरेलू नाम बन गईं। नीलम की संक्रामक ऊर्जा और भावनात्मक अभिनय ने इन फिल्मों की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सिल्वर स्क्रीन से परे

जहां नीलम का अभिनय करियर फला-फूला, वहीं उन्होंने अपना उद्यमशीलता पक्ष भी खोजा। 2006 में, उन्होंने रत्नों और फैशन के प्रति अपने प्रेम को जोड़ते हुए अपनी खुद की ज्वेलरी लाइन, “नीलम ज्वेल्स” लॉन्च की। ब्रांड ने अपने उत्कृष्ट डिजाइन और शिल्प कौशल के लिए आभूषण प्रेमियों के बीच लोकप्रियता हासिल की

स्टारडम से परे

2000 में नीलम ने अपने अभिनय करियर को अलविदा कहने का फैसला किया। उन्होंने अभिनेता समीर सोनी के साथ शादी कर ली और अपने निजी जीवन पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया। हालाँकि, उद्योग और उनके प्रशंसकों पर उनका प्रभाव बेजोड़ रहा।

नीलम की वापसी:

एक नया अध्याय लगभग दो दशकों के अंतराल के बाद, नीलम कोठारी ने मनोरंजन की दुनिया में वापसी की घोषणा की, लेकिन इस बार एक नई भूमिका में। वह 2020 में भारतीय रियलिटी टीवी शो “फैबुलस लाइव्स ऑफ बॉलीवुड वाइव्स” में शामिल हुईं, जिससे दर्शकों को बॉलीवुड हस्तियों के जीवन की एक दिलचस्प झलक मिली।

Conclusion

एक बाल कलाकार से एक प्रसिद्ध अभिनेत्री और उद्यमी तक नीलम कोठारी की यात्रा किसी प्रेरणा से कम नहीं है। अपनी चुंबकीय स्क्रीन उपस्थिति और त्रुटिहीन फैशन समझ के साथ, वह महत्वाकांक्षी अभिनेताओं और फैशन प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं। नीलम की निर्विवाद प्रतिभा ने, उनकी सुंदरता और सुंदरता के साथ मिलकर, बॉलीवुड इतिहास के इतिहास में उनका नाम दर्ज करा दिया है। जब हम उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, तो आइए याद रखें कि जब सपनों को दृढ़ संकल्प के साथ पूरा किया जाता है, तो उनमें नियति को नया आकार देने और कालातीत विरासत बनाने की शक्ति होती है।

“The only way to do great work is to love what you do.” – Steve Jobs

Neelam Kothari Jiwan Parichay

एक भारतीय अभिनेत्री और आभूषण डिजाइनर हैं। वह 80 और 90 के दशक की बॉलीवुड की प्रमुख अभिनेत्रियों में से एक थीं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1984 में फिल्म जवानी से की थी। इसके बाद उन्होंने गोविंदा के साथ कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया, जिनमें लव 86, सिंदूर, खुदगर्ज, हत्या, फर्ज की जंग, ताकतवर और दो कैदी शामिल हैं। उन्होंने चंकी पांडे के साथ भी कई फिल्मों में काम किया, जिनमें आग ही आग, पाप की दुनिया, खतरों के खिलाड़ी, घर का चिराग और मिट्टी और सोना शामिल हैं।

Neelam Kothari on Instagram

Photo by Neelam on November 08, 2023. May be an image of 4 people, poster, magazine and text that says 'FILMFARE OTT AWARDS VOTE FOR The Fabulous Lives of Bollywood The2 Wives: BEST (NON-FICTION) ORIGINAL (SERIES/SPECIAL)'.
  • 848
  • 38

व्यक्तिगत जीवन

नीलम कोठारी का जन्म 9 नवंबर 1969 को हांगकांग में हुआ था। उनके पिता शिशिर कोठारी एक व्यवसायी हैं और उनकी माँ परवीन कोठारी एक गृहिणी हैं। नीलम को बचपन से ही अभिनय में रुचि थी। उन्होंने मुंबई में रदरफोर्ड हाउस से शिक्षा प्राप्त की।

नीलम कोठारी ने 2000 में ऋषि सेठिया से शादी की, लेकिन यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चली और 2001 में दोनों का तलाक हो गया। 2011 में उन्होंने अभिनेता समीर सोनी से शादी की।

करियर

नीलम कोठारी ने अपने करियर की शुरुआत 1984 में फिल्म जवानी से की थी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही। इसके बाद उन्होंने गोविंदा के साथ लव 86, सिंदूर, खुदगर्ज, हत्या, फर्ज की जंग, ताकतवर और दो कैदी जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों में उनकी जोड़ी गोविंदा के साथ बहुत पसंद की गई।

नीलम कोठारी ने चंकी पांडे के साथ भी कई फिल्मों में काम किया, जिनमें आग ही आग, पाप की दुनिया, खतरों के खिलाड़ी, घर का चिराग और मिट्टी और सोना शामिल हैं। इन फिल्मों में भी उनकी जोड़ी दर्शकों को खूब पसंद आई।

नीलम कोठारी ने 1998 में फिल्म हम साथ साथ हैं के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार जीता।

प्रमुख फिल्में

  • जवानी (1984)
  • लव 86 (1986)
  • सिंदूर (1986)
  • खुदगर्ज (1987)
  • हत्या (1988)
  • फर्ज की जंग (1989)
  • ताकतवर (1989)
  • दो कैदी (1989)
  • आग ही आग (1987)
  • पाप की दुनिया (1988)
  • खतरों के खिलाड़ी (1988)
  • घर का चिराग (1989)
  • मिट्टी और सोना (1989)
  • हम साथ साथ हैं (1998)

पुरस्कार

  • फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री – हम साथ साथ हैं (1998)
  • स्टार स्क्रीन सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री – हम साथ साथ हैं (1998)
  • राजीव गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार – सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री – हम साथ साथ हैं (1998)

वर्तमान

निज़ाम कोठारी वर्तमान में मुंबई में रहते हैं। वह एक सफल डिज़ाइनर भी हैं।motivenews.net

anayasha.com Sonu Sood biography | सोनू सूद का जीवन परिचय

Hardik Pandya Biography In Hindi | हार्दिक पांड्या जीवनी: इंडियन क्रिकेट के मार्शल आर्टिस्ट की अनूठी कहानी

Hardik Pandya Biography In Hindi

हार्दिक पांड्या जीवनी: इंडियन क्रिकेट के मार्शल आर्टिस्ट की अनूठी कहानी हार्दिक पंड्या (पांड्या) जीवन परिचय ,जीवनी ,भाई ,शादी ,पत्न्नी ,बीबी ,संपत्ति ,कॉफ़ी विद करण (Hardik Pandya Biography in Hindi,Career, Engagement, Girlfriend, Finance, marriage date ,Wife ,net worth , father ,Coffee with karan , hardik pandya and kl rahul, marriage ,wife name)

Hardik Pandya Biography In Hindi

प्रस्तावना

प्रिय पाठकों, आप सभी का स्वागत है! आज हम “हार्दिक पांड्या जीवनी” टॉपिक पर चर्चा करेंगे। हार्दिक पांड्या क्रिकेट संघ राष्ट्र भारतीय के एक प्रमुख पुरुष सदस्य हैं, जिन्होंने अपनी कठोर मेहनत, प्रतिस्पर्धात्मक आदतों और अनंत ताकत से लोगों के दिलों में जगह बना ली है। वह एक संगठनित, समर्पित और धृष्टता से भरपूर आदमी हैं जिनका सपना बचपन से ही था कि वह एक दिन एक दिन इंडियन क्रिकेट की मशहूरत प्रतिनिधि बनेंगे।

Hardik Pandya Biography In Hindi

पूरा नाम (Real Name)हार्दिक हिमांशु पांड्या
उप नाम (Nickname)सताना
जन्म तारीख (Date of Birth)11अक्टूबर 1993
जन्म स्थान (Birth place)चोर्यासी, सूरत, गुजरात, भारत
गृह स्थान  (Home Town )वडोदरा, गुजरात, भारत
स्कूल का नाम (School Name )एमके हाई स्कूल, बड़ौदा
पेशा (Profession)क्रिकेटर (ऑलराउंडर)
शैक्षिक योग्यता (Educational )9वीं कक्षा
लंबाई (Height) 6′ 0″ फुट
बालों का रंग (Hair Color)काला
आंखो का रंग (Eye Color)गहरा भूरा रंग
राशि तुला
जाति (Caste)ब्राह्मणब्राह्मण
धर्म (Religion)हिन्दू धर्म
अंतर्राष्ट्रीय शुरुआत (International Debut)वनडे- 16 अक्टूबर 2016 को न्यूजीलैंड के खिलाफ धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश,
टेस्ट- 26 जुलाई 2017 श्रीलंका के खिलाफ गाले, श्रीलंका में
T20I- 26 जनवरी 2016 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड, ऑस्ट्रेलिया में
बैटिंग शैली (Batting Style)दांए हाथ से काम करने वाला
बॉलिंग शैली (Bowling Style)दायां हाथ तेज-मध्यम
कोच / मेंटर (Coach/Mentor)अजय पवार
टीम (Domestic/State Team)बड़ौदा, मुंबई इंडियंस, भारतीय बोर्ड अध्यक्ष XI
गर्लफ्रेंड (Girlfriend )लिशा शर्मा (मॉडल)
एली अवराम (अभिनेत्री)
नतासा स्टेनकोविक
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) विवाहित
शादी की तारीख (Date of marriage ) 01 जनवरी 2020
जर्सी का नंबर (Jersey Number)#228
Hardik Pandya Biography In Hindi

उप नाम (Nickname)सताना उम्र (Age )28 वर्ष घरेलु गर्लफ्रेंड (Girlfriend )लिशा शर्मा (मॉडल)
एली अवराम (अभिनेत्री)

मुख्य विषय

बचपन से सपना

जब हार्दिक पांड्या 11 अक्टूबर, 1983 को गुजरात राज्य के चौन्धरनगर जिले में जन्मे, तब वह एक साधारण गवारा छोरा थे। उनके पिता हिमांशु पांड्या नौकरी करते थे और माता-पिता ने परिवार को चलाने के लिए बहुत संघर्ष किया। हार्दिक का परिवार माध्यमिक वर्ग से था, जहां सबसे अधिक संघर्ष अर्थव्यवस्था, व्यापार या अपना बिजनेस शुरू करने वाले लोगों का दिखता है। लेकिन इस हर्षोल्लास और अपरिहार्य कठिनाइयों के दौरान हार्दिक की सच्ची प्रतिभा बिना एक भूमिका खेलने नहीं रही।

प्रोफेशनल क्रिकेट की कहानी

हार्दिक पांड्या की कहानी उसकी प्रोफेशनल क्रिकेट के वाक़िये से शुरू हुई, जब उन्होंने अनेक दिमागदारी और पुरस्कारों की कीमत चुकाने का समय बिताया। मात्र 18 वर्षीय थे हार्दिक ने कठिन प्रेसर के ज़माने में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अपनी पहली प्रवेश जगह को बनाया। दक्षता और मेहनत ने उन्हें मुंबई इंडियंस की टीम में खिलाड़ी की जगह दिलाई, जहां उन्हें मुंबई इंडियंस के मालिक, नितिन जवासागे ने एक आपूर्ति की थी। कप्तान रॉबिन उथप्पा ने तुरंत इस युवा प्रतिभा में एक लक्ष्य का देखा, जिसने उन्हें देश की प्रशंसा प्राप्त करने का अवसर दिया।

स्वनिर्धारितता का एक उदाहरण

हार्दिक की सराहना करते हुए कहा जाता है, “उन्होंने जैसे ही मुंबई इंडियंस की टीम में कप्तान का आदेश दिया, वे एक क्रिटिकल परिस्थिति के अंतर्गत अपनी कप्तानी कौशलता पर प्रकट कर दी। हार्दिक और उनकी टीम के बीच एक बड़ी समस्या हो गई थी, जहां उन्हें मशीन या बयानबाज़ी करने वाले माने जाने के लिए उन्हें चुना गया था। हार्दिक ने कहा, ‘मेरे पास कोई यूनीफ़ॉर्म नहीं था, तो मैंने टॉस काप्तन करने के बजाय मुंबई इंडियंस का बेस्ट बैट्समैन और इनके सबसे बेहतरीन बोलर को पारी कन्वर्ट करा दिया।'”

आपूर्ति हृदय से

हार्दिक पांड्या के चरित्र के एक अहम हिस्सा में उनकी मेहनत, संगठनशीलता और आपूर्ति कर्मठता शामिल हैं। मानसिक ताकत और अनन्त प्रतिभा के साथ एक मजबूत शरीरआवाज़ उनको देशभर में एक सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी बनाती है। हार्दिक के चारों तरफ हुमेशा लोगी खुशी और दिल का संबंध बना रहता है, जब वह खेलते हैं, और अपने खतरनाक और ऐश्वर्यपूर्ण पारी खेलते हैं, तो उनका खत्री बनना सरल नहीं होता है।

सफलता का महान रहस्य

हार्दिक के सफलता का एक महान रहस्य है कि वह अपने लक्ष्यों के प्रति संवेदनशील हैं और अक्सर अपने परफ़ॉर्मेंस में वृद्धि करने के लिए सुनहरे अवसर देखें। उन्होंने एक बार कहा था, “हमेशा खुश रहिए और दिल की सुनो। बाकी सब तो अपने आप हो जाएगा।” वह एक विजयी स्पिनर और एक ताकतवर बेट्समैन के रूप में अपनी सुनहरी कंधे और लगतार विकास करने वाली क्रिकेटर के तौर पर प्राकृतिक रूप से चमकते हैं।

संकलन

इस विस्तृत जीवनी में, हमने हार्दिक पांड्या की कठिन आरंभिक यात्रा से शुरू होकर उनके स्पर्धात्मक उभरते क्रिकेट करियर तक के बारे में चर्चा की है। उनका संघर्ष, व्यक्तिगतता और मेहनत का वर्णन एक प्रेरणास्रोत के रूप में उपयोगी है जो किसी भी उज्ज्वल भविष्य के लिए एक अग्रपथ निर्देशित करने में सहायता कर सकता है। हार्दिक पांड्या ने अपने मेहनत, संकल्प और नाज़ुक मनोभाव के माध्यम से दुनियाभर में अपने चमकदार करियर की ग़ज़बानी की है। motivenews.net Dutee Chand Biography : Triumphs, Challenges, and Inspiring Journey of a Trailblazing Athlete Hardik Pandya Biography In Hindi

Biography of Surdas | सूरदास का जीवन परिचय

नमस्कार और आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पोस्ट में! आज हम बात करेंगे सूरदास के जीवन परिचय के बारे में। सूरदास भारतीय साहित्य में एक महान कवि माने जाते हैं, जिन्होंने अपनी संतानों के साथ एक सुंदर जीवन बिताया। इसलिए, इस लेख में हम सूरदास की संतानों के विवरण, परिवार, पत्नी और बच्चों के बारे में जानकारी और उनकी उपासना के महत्व के बारे में चर्चा करेंगे। हम उनकी विजयादशमी कथा का वर्णन करेंगे, प्रमुख काव्य संग्रह पर बात करेंगे, सूरदास के धार्मिक महत्वपूर्ण आयोजनों की चर्चा करेंगे, और उनके साहित्यिक और साहित्यिक महत्व के बारे में चर्चा करेंगे।

Biography of Surdas

सूरदास का जन्म 1478 में हुआ था। उनके पिता का नाम रामदास था और वे ब्राह्मण वर्ण समुदाय से संबंधित थे। सूरदास का पूरा परिवार गायकों का होने के कारण गायन कला के प्रशंसकों में प्रसिद्ध था। उनकी पत्नी का नाम कुंवरी जनकी था और उनके एक पुत्र का नाम कवि भूषण है। सूरदास की दो बेटियाँ थीं, जिनके नाम शेरवली और मीरावती थे। सूरदास अपनी पत्नी और इसके अलावा अपनी संतानों के साथ एक खुशहाल और समृद्ध जीवन जीते थे।

सूरदास का संत के रूप में विकास:

सूरदास को अपने परिवार के साथ जीवन जीने का अद्वितीय अवसर मिला। उनकी पत्नी कुंवरी जनकी भी उनकी भक्ति और साधना में साथ दी, जिससे उनकी आध्यात्मिकता और संवेदनात्मक भावनाएं मजबूत हुईं। सूरदास ने भगवान कृष्ण को अपने भक्त और गुरु के रूप में स्वीकार किया, और इसके चलते, उनकी जीवन दृष्टि और उनकी काव्य रचनाएं संत के रूप में विकासित हुए। इसलिए, उनकी उपासना भी भक्ति के प्रकारों में मान्य है, जिसमें कीर्तन, भजन और सत्संग शामिल हैं।

सूरदास की भक्ति और उपासना का वर्णन:

सूरदास की भक्ति और उपासना उनकी कविता में सुंदरता के साथ प्रकट होती है। उनके काव्य और उपासना में व्यक्त होने वाले भाव और अनुभवों से, हम भगवान कृष्ण की प्रीति और प्रेम की महत्वपूर्णता को महसूस कर पाते हैं। सूरदास की छाया में बढ़ते हुए गीत, भजन, और सत्संग के आयोजन मन को चैतन्य करते हैं और भक्ति के माध्यम से भगवान की अनुपम महिमा की ओर प्राप्त कराते हैं।

सूरदास की विजयादशमी कथा:

विजयादशमी भारतीय साहित्य में महत्त्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान राम के जीवन में महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में जाना जाता है। सूरदास की विजयादशमी कथा भी उनकी कृष्ण लीला के विषय में होती है। इस कथा में भगवान कृष्ण की प्रीति की कथा की वर्णन किया जाता है और यह उनकी भक्ति और उपासना की महत्वपूर्ण गतिविधीयों को दर्शाता है। यह कथा विजयादशमी त्योहार पर कई कार्यक्षेत्रों में प्रभाव डालती है और भगवान कृष्ण की महिमा और प्रेम की बढ़ती हुई मान्यता को प्रकट करती है।

सूरदास की रचनाएं प्रमुख काव्य संग्रह:

सूरदास के काव्य संग्रह उनकी महान कविताएं हैं, जो भक्ति और आध्यात्मिकता के साथ सुंदरता और भक्ति की अद्वितीयता को समर्पित हैं। उनकी काव्य संग्रह में से कुछ प्रमुख रचनाएं इन्हें विशेष बनाती हैं। उनमें से कुछ प्रमुख रचनाएं हैं:

  1. सूरसागर – यह काव्य संग्रह सूरदास की महानतम रचना मानी जाती है, जो उनकी भक्ति और प्रेम की अमित भावनाओं को दर्शाती है।
  2. सूरवली – यह काव्य संग्रह सूरदास की भक्ति और मानवीयता को बढ़ावा देती है, और उनकी कविताओं के अंतर्गत अनेक उदारवादी विचार शामिल हैं।
  3. सूरवर्तनी और मानवी – इन रचनाओं में सूरदास ने संसारी उपासना की छुटकारा और प्रेमात्मिकता की मान्यता को प्रशंसा की है।

सूरदास की जीवनी के प्रमुख पुरस्कार एवं सम्मान:

सूरदास की मशहूरता और उनके योगदान के कारण, उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण सम्मान और पुरस्कार से नवाजा गया है। कुछ प्रमुख पुरस्कार और सम्मान निम्नलिखित हैं:

  1. रवींद्र भारती सम्मान – भारतीय साहित्य और कला क्षेत्र में चुनने जाने वाले अग्रणी सम्मानों में से एक।
  2. सहित्य अकादमी पुरस्कार – विश्व प्रसिद्ध साहित्यिक पुरस्कार, जो भारत के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार माना जाता है।
  3. पद्म भूषण – सम्मान और गर्व के साथ उन्हें भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया है।
  4. ऋतंजलि पुरस्कार – यह सम्मान उन्हें भारतीय कविता और संगीत क्षेत्र में उनकी गौरवशाली योगदान के लिए दिया गया है।

सूरदास का नारी प्रेम के विषय में विचार:

सूरदास की रचनाओं में, उन्होंने नारी प्रेम की महत्वपूर्णता को महसूस किया है। उनकी कविताओं में उनके नारी प्रेम की भावना सुंदरता से प्रतिष्ठित होती है और यह खास हौसला और मानवीय संवेदना की मान्यता में उनकी रचनाकारता की साक्षात्कार होती है। सूरदास की रचनाएं उनकी नारी प्रेम के उदाहरणों के माध्यम से इस काव्यिक और आध्यात्मिक भाव की गहराई को दर्शाती हैं।

सूरदास के शिक्षाप्रद प्रेरणादायक उद्धरण:

सूरदास के कई उद्धरण दूसरे कवियों को प्रेरित करते हैं। इन उद्धरणों में प्रेम, भक्ति, और आध्यात्मिकता की महत्वपूर्ण संदेश होते हैं जो साधकों को आत्मसात करते हैं। यह उद्धरण सूरदास की साधना की प्रेरणा और उनकी आध्यात्मिकता की सफलता को प्रतिष्ठित करते हैं।

सूरदास और उनकी समकालीन रचनाकार:

सूरदास के जीवन का एक और महत्वपूर्ण पहलू तुलसीदास के साथ उनके समकालीन रचनाकारों के साथ उनका संवाद है। यह दोनों महान कवि आपस में गहरा सम्बंध बनाते हैं और रचनाएं, विचार-मंथन, और परस्पर सम्बन्ध की सबकुछ साझा करते हैं। इन दोनों कवियों की एक दूसरे पर प्रभावित होने और उनके संस्कृति, परंपरा, और धार्मिकता में साझा गुणों के कारण, उनकी रचनाएं हमारे सामरिक साहित्य और धार्मिक लोककथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।

सूरदास के धार्मिक महत्वपूर्ण आयोजन:

सूरदास की धार्मिकता और भक्ति के चलते, उन्होंने सत्संग और मन्दिर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे अपनी भक्ति और आध्यात्मिकता को उन्नति देने के लिए सत्संग और मंदिरों को आयोजित करते थे। इन आयोजनों और उत्सवों का महत्व सामुदायिक एवं उनके आपसी सम्बन्धों में साधकों के द्वारा महसूस किया जाता था।

ब्रज की गोपियों की कृष्ण-प्रेम रासलीला:

ब्रज भूमि गोपियों की कृष्ण-प्रेम रासलीला का केंद्र रही है, और सूरदास ने इसेलिए भी गोपियों के प्रेम के विषय में अपनी रचनाएं लिखीं हैं। यह रासलीला योग्य होती है क्योंकि इसे सूरदास की कविताओं के माध्यम से भगवान कृष्ण और गोपियों के प्रेम और सम्बन्ध की अद्वितीयता और मधुरता को दर्शाया जाता है।

सूरदास की मृत्यु और आदर्शवाद की गतिविधियाँ:

सूरदास की मृत्यु के बाद भी उनकी गतिविधियाँ जारी रही और उनकी आदर्शवादी विचारधारा का कार्यान्वयन हुआ। सूरदास के आदर्शवाद की गतिविधियाँ उनके अनुयायों को आध्यात्मिक जीवन की दिशा में प्रवृत्त करने में मदद करती हैं। इन गतिविधियों में उनके प्रशंसकों द्वारा महात्मा की ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाता है और धार्मिकता एवं आदर्शवाद की प्रेरणा की जाती है।

सूरदास का विरासत में प्रभाव:

सूरदास की रचनाएं भारतीय साहित्य और संस्कृति में गहरा प्रभाव छोड़ी हैं। उनका योगदान व्यापक है, न केवल साहित्यिक विरासत में, बल्कि संस्कृति, संगीत, कला, और शैली में भी। आज की संस्कृति में सूरदास के गीत, भजन, और कविताएं अपार प्रभाव प्रदान करती हैं और मनोहारी कृष्ण भक्ति को प्रमाणित करती हैं। उनका धार्मिक और साहित्यिक महत्व भारतीय साहित्य का निर्माण करने में महत्वपूर्ण है और लोगों के द्वारा अदर्शवाद, साहित्यिकता, और आध्यात्मिकता की प्रशंसा की जाती है।

सूरदास के जीवन पर कुछ अविश्वसनीय तथ्य:

सूरदास के जीवन में तथ्यों की एक संख्या हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वे कुछ अविश्वसनीय थे। एक स्वामी संघ में शामिल हुए होने की बात नाम ली जाती है, और इन तथ्यों का खुलासा उनकी जीवनी में संदेह के रूप में उल्लेख किया गया है। ये तथ्यों का सिद्धांतित सबूत किसी प्रमाण के अभाव में होने के कारण विवादास्पद हैं और हमें संशय से दूर जाने की आवश्यकता होती है।

संतानों की जीवनी में अनुपस्थिति का कारण:

हालांकि सूरदास की संतानों के बारे में थोड़ी जानकारी होने के बावजूद, कई रिपोर्ट्स में सूरदास की पत्नी कुंवरी जनकी की मृत्यु के बाद परिवार की संतानों की जीवनी में अनुपस्थिति का उल्लेख है। हालांकि, यह पूरी तरह सत्य नहीं हो सकता है, और इन अद्वैत विवादों कोप्यार फैक्ट्स से तुलना करना अनुशंसित है।

FAQs

इस भाग में एक कम ध्यान देने योग्य सिंक्यों की एक सूची दी जाएगी, जिनका समावेश संभव उपयोगकर्ताओं के मन में हो सकता है।

सूरदास का जीवन कब प्रारंभ हुआ?

सूरदास का जन्म लगभग 1478 ईस्वी में ब्रज क्षेत्र के सीहतन गांव में हुआ था। उनके जन्म के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है, लेकिन अधिकांश विद्वानों का मानना है कि वे 15वीं शताब्दी के अंत या 16वीं शताब्दी की शुरुआत में पैदा हुए थे।

सूरदास की रचनाएं सीखने के लिए कौनसी पुस्तकें उपलब्ध हैं?

सूरदास की रचनाओं को सीखने के लिए निम्नलिखित पुस्तकें उपलब्ध हैं:

  • सूरसागर – सूरदास की सबसे प्रसिद्ध रचना है, जिसमें लगभग 5000 पद हैं। यह कृष्ण की बाल-लीलाओं, गोपियों के प्रेम और राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी का वर्णन करता है।
  • गीतावली – सूरदास की एक अन्य प्रसिद्ध रचना है, जिसमें कृष्ण की लीलाओं और भक्ति का वर्णन है।
  • बरसाने की गोपियाँ – सूरदास की एक अन्य रचना है, जिसमें ब्रज की गोपियों के कृष्ण के प्रति प्रेम का वर्णन है।
  • हरिजुन लीला – सूरदास की एक अन्य रचना है, जिसमें कृष्ण के बाल-रूप और गोपियों के साथ उनकी लीलाओं का वर्णन है।

इनके अलावा, सूरदास ने कई अन्य रचनाएँ भी लिखीं, जिनमें प्रेम सार, रसमंजरी, श्रीकृष्ण की बानी, गोपीगीत, कृष्णलीला, सूरसागर की टीका आदि शामिल हैं।

सूरदास की सबसे प्रसिद्ध रचनाएं कौनसी हैं?

सूरदास की सबसे प्रसिद्ध रचनाएं निम्नलिखित हैं:

  • सूरसागर
  • गीतावली
  • बरसाने की गोपियाँ
  • हरिजुन लीला
  • प्रेम सार
  • रसमंजरी
  • श्रीकृष्ण की बानी
  • गोपीगीत
  • कृष्णलीला

सूरदास के उद्धरणों की विशेषता क्या है?

सूरदास के उद्धरणों की विशेषता उनकी मधुर भाषा, सरल भाव और गहरी भक्ति है। वे अक्सर कृष्ण की बाल-लीलाओं, गोपियों के प्रेम और राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी का वर्णन करते हैं।

सूरदास के जीवन में उनकी संतानों का प्रभाव क्या था?

सूरदास के जीवन में उनकी संतानों का बहुत प्रभाव था। उनके दो पुत्र थे, जिनका नाम चंद्रभान और रामभान था। चंद्रभान भी एक प्रसिद्ध कवि थे, जिन्होंने अपनी पिता की कई रचनाओं का संपादन किया। रामभान एक वैष्णव संत थे, जिन्होंने सूरदास को कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति में प्रेरित किया।

सूरदास की संतानों ने उनके जीवन और रचनाओं को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके पुत्र चंद्रभान ने उनकी रचनाओं का संपादन किया और उन्हें एकत्र किया, जिससे उन्हें आज भी पढ़ा और जाना जा सकता है। उनके पुत्र रामभान ने उन्हें कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति में प्रेरित किया, जिसने उनकी रचनाओं को एक अद्वितीय और अनमोल गुणवत्ता प्रदान की।

संक्षेप में सूरदास का परिचय:

सूरदास एक महान कवि थे जिन्होंने अपनी संतानों के साथ एक सुंदर और धार्मिक जीवन बिताया। सूरदास की रचनाओं में उनकी भक्ति और आध्यात्मिकता उभरती है और उन्होंने कृष्ण प्रेम और उपासना की महत्वपूर्णता को अपने रचनाओं में प्रतिष्ठित किया। सूरदास को अपने आदर्शवादी विचारधारा के लिए जाना जाता है और उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान से नवाजा गया है। उनकी रचनाएं आज भी उत्कृष्टता का संकेत करती हैं, और उनकी प्रेरणा साधकों को आध्यात्मिक रास्तों पर प्रेरित करती हैं। सूरदास के जीवन के कुछ अविश्वसनीय तथ्य और आदर्शवादी विचारों के कारण उनकी जीवनी एक रहस्य से भरी है।

यदि आपके मन में इस विषय पर कोई और प्रश्न हैं, तो कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में हमसे संपर्क करें। हमें खुशी होगी । Sonali Phogat Biography in Hindi | सोनाली फोगाट का जीवन परिचय

सूरदास की सबसे प्रसिद्ध रचनाएँ:

  1. करहु अधिक सुसंगत छल – इस कविता में, सूरदास ने अपने भक्ति और सम्बन्ध के विषय में व्यंग्यपूर्ण ताल में व्यंग्यपूर्ण ताल में लिखी है।
  2. जाये तू खट्टा मिठा हो – इस कविता में, सूरदास कृष्ण और गोपियों के बीच के रोमांटिक संबंध पर यात्रा करने की कविताएं लिखते हैं।
  3. माया सहरेन – इस कविता में, सूरदास ने माया और जीवन के मूल्य की प्रशंसा की है, और मानवीय संबंधों और आध्यात्मिकता के बारे में सोचने की प्रेरणा दी है।
  4. मगन ध्यान राखैरे रे – इस कविता में, सूरदास ने भगवान के ध्यान में डूबे रहने की प्रेरणा दी है और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन की अर्थव्यवस्था के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया है।
  5. कोटि जन्मवा बाबा मीत – इस कविता में, सूरदास ने अपने संघ के सदस्यों के अस्तित्व और उनकी स्वीकृति के बारे में चिन्तन किया है और धार्मिक संघों के महत्व को प्रमाणित किया है।Anayasha.com

Saikhom Mirabai Chanu | मीराबाई चानू

Saikhom Mirabai Chanu : मीराबाई चानू एक प्रसिद्ध भारतीय भारोत्तोलन खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 2021 के टोक्यो ओलंपिक में 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता है। वह भारत की पहली महिला हैं, जिन्होंने इस खेल में ओलंपिक पदक हासिल किया है। मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को मणिपुर के इम्फाल में हुआ है। उनके पिता साइखोम कृति मैतेई PWD डिपार्टमेंट में काम करते हैं, और माता साइकोहं ऊँगबी तोम्बी लीमा एक दुकानदार हैं।

Saikhom Mirabai Chanu

मीराबाई चानू के पदक

मीराबाई चानू का पहला संपर्क भारोत्तोलन से 12 साल की उम्र में हुआ, जब उन्होंने 35 किग्रा के पत्थर को सरलता से उठा लिया। उनके प्रेरक में से एक कर्णम मल्लेश्वरी हैं, जो 2000 के सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली पहली (और अबतक की) एकमात्र भारतीय महिला हैं।

Saikhom Mirabai Chanu

मीराबाई चानू का प्रोफेशनल कैरियर 2014 में रजत पदक जीतने के साथ राष्ट्रमंडल खेल में 48 किग्रा वर्ग में 170 किग्रा (75 स्नैच + 95 क्लीन & जर्क) कुल वजन उठा कर प्रारंभ हुआ। 2016 में, वह 48 किग्रा वर्ग में 192 किग्रा (85 स्नैच + 107 क्लीन & जर्क) कुल वजन उठा कर सोने का पुरस्कार प्राप्त करने के साथ-साथ, 2016 सुमर-परम्‍परा-प्रति-स्‍पर्धा-प्रति-योगिता-में-भारत-के-लिए-योग्यता प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। लेकिन, रियो ओलंपिक में, उन्होंने क्लीन & जर्क में तीनों प्रयासों में विफलता का सामना करना पड़ा, और पदक जीतने में असफल रहीं।

2017 में, मीराबाई चानू ने 48 किग्रा वर्ग में 194 किग्रा (85 स्नैच + 109 क्लीन & जर्क) कुल वजन उठा कर स्वर्ण पदक प्राप्त करने के साथ-साथ, 2017 विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप, अनाहाइम, कैलीफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली (और अबतक की) एकमात्र भारतीय महिला हैं।

2018 में, मीराबाई चानू ने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किग्रा वर्ग में 196 किग्रा (86 स्नैच + 110 क्लीन & जर्क) कुल वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता, और साथ ही साथ, 48 किग्रा वर्ग में संसार का सर्वोत्तम प्रस्‍तुति किया।

2021 में, मीराबाई चानू ने 49 किग्रा वर्ग में 202 किग्रा (87 स्नैच + 115 क्लीन & जर्क) कुल वजन उठाकर 2021 के टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक हासिल किया, और साथ ही साथ, 49 किग्रा वर्ग में संसार का सर्वोत्‍तम प्रस्‍तुति किया। motivenews.net Dutee Chand Biography : Triumphs, Challenges, and Inspiring Journey of a Trailblazing Athlete

मीराबाई चानू का जीवन परिचय

मीराबाई चानू एक भारतीय महिला भारोत्तोलक हैं, जिन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक में 49 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता। वह भारत की पहली महिला भारोत्तोलक हैं जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता है।

मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को मणिपुर के नोंगपोक काकचिंग में एक मैतेई हिंदू परिवार में हुआ था। उनके पिता, लकबांग चानू, एक किसान थे और उनकी मां, थोइबा देवी, एक गृहिणी थीं।

मीराबाई चानू ने अपने खेल करियर की शुरुआत 12 साल की उम्र में की थी। वह अपने घर में जलाऊ लकड़ी का भारी बोझ उठाती थीं, जिसने उनकी ताकत और सहनशक्ति को बढ़ावा दिया। 15 साल की उम्र में, उन्हें मणिपुर राज्य सरकार द्वारा भारोत्तोलन में प्रशिक्षण के लिए चुना गया।

मीराबाई चानू ने 2013 में अपने करियर की पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया। उन्होंने 2014 एशियाई खेलों में रजत पदक जीता, और 2016 रियो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहीं।

2020 टोक्यो ओलंपिक में, मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता। उन्होंने स्नैच में 87 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 119 किलोग्राम का भार उठाया, जिसका कुल 206 किलोग्राम था। यह भारत का ओलंपिक इतिहास में पहला रजत पदक था।

मीराबाई चानू को उनके खेल में उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2020 में पद्म भूषण और 2017 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था।

मीराबाई चानू भारत की एक प्रेरणादायक महिला हैं। उन्होंने अपने खेल कौशल और कड़ी मेहनत के माध्यम से देश का नाम रोशन किया है। वह भारत की युवा पीढ़ी के लिए एक रोल मॉडल हैं।

मीराबाई चानू की उपलब्धियां

  • 2020 टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक
  • 2014 एशियाई खेलों में रजत पदक
  • 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक
  • 2017 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक
  • 2016 रियो ओलंपिक में चौथा स्थान

मीराबाई चानू को मिले पुरस्कार और सम्मान

  • भारत रत्न (2022)
  • पद्म भूषण (2020)
  • पद्म श्री (2017)
  • अर्जुन पुरस्कार (2014)
  • मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (2017)
  • राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (2020)
  • द्रोणाचार्य पुरस्कार (2019)

मीराबाई चानू के बारे में कुछ रोचक तथ्य

  • उनका जन्म मणिपुर के नोंगपोक काकचिंग गांव में हुआ था।
  • उनकी मां, थोइबा देवी, एक गृहिणी हैं और उनके पिता, लकबांग चानू, एक किसान हैं।
  • उन्होंने अपने खेल करियर की शुरुआत 12 साल की उम्र में की थी।
  • वह 2014 एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भारोत्तोलक थीं।
  • वह 2020 टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भारोत्तोलक थीं।

मीराबाई चानू एक सच्ची प्रेरणा हैं। उन्होंने अपने खेल कौशल और कड़ी मेहनत के माध्यम से देश का नाम रोशन किया है। वह भारत की युवा पीढ़ी के लिए एक रोल मॉडल हैं।

Anushka Sharma

Anushka Sharma: The Versatile Actress and Producer of Bollywood

Anushka Sharma is one of the most popular and successful actresses and producers in the Hindi film industry. She has been a part of many blockbuster films and has also produced some critically acclaimed movies under her own banner. She is also a social activist and a philanthropist who supports various causes and charities. She is married to the Indian cricket captain Virat Kohli and they have a daughter named Vamika.

Anushka Sharma

Early Life and Education

Anushka Sharma was born on 1 May 1988 in Ayodhya, Uttar Pradesh, to Colonel Ajay Kumar Sharma and Ashima Sharma. She has an elder brother named Karnesh Sharma, who is also a producer and a former cricketer. She belongs to a Punjabi family and follows Hinduism. She grew up in Bangalore and attended the Army School there. She completed her graduation from Mount Carmel College with a degree in arts. She was interested in modeling and acting since her childhood and decided to pursue it as a career.

Career

Anushka Sharma started her career as a model and moved to Mumbai to work with the renowned fashion designer Wendell Rodricks. She auditioned for several roles and got selected for the lead role in Aditya Chopra’s directorial debut Rab Ne Bana Di Jodi (2008) opposite Shah Rukh Khan. The film was a huge commercial success and earned her positive reviews for her performance. She won the Filmfare Award for Best Female Debut for her role.

She then signed a three-film contract with Yash Raj Films and appeared in Band Baaja Baaraat (2010) opposite Ranveer Singh, which was also her first film as a solo lead actress. The film was a sleeper hit and established her as a promising actress in Bollywood. She received critical acclaim and several nominations for her role as an ambitious wedding planner. She also sang a song in the film titled “Dum Dum”.

She continued to work with Yash Raj Films and starred in films like Patiala House (2011), Ladies vs Ricky Bahl (2011), Jab Tak Hai Jaan (2012), Matru Ki Bijlee Ka Mandola (2013), and PK (2014). She also ventured into film production with her brother under their company Clean Slate Filmz. Their first production was NH10 (2015), a thriller film in which she also played the lead role of a woman who fights against a gang of criminals. The film was well-received by the critics and the audience and earned her praise for her acting and production skills.

She then produced and starred in Phillauri (2017), a romantic comedy film with elements of fantasy. The film was moderately successful at the box office but received mixed reviews from the critics. She also produced and starred in Pari (2018), a horror film that was praised for its unconventional story and direction. She also made a cameo appearance in Sanju (2018), a biopic of the actor Sanjay Dutt.

She then starred in one of the biggest hits of her career, Sultan (2016), opposite Salman Khan. The film was an action drama about two wrestlers who fall in love and face challenges in their personal and professional lives. The film broke many records at the box office and became one of the highest-grossing Indian films of all time. She received positive feedback for her role as a wrestler and trained extensively for it.

She then reunited with Shah Rukh Khan for two films, Jab Harry Met Sejal (2017) and Zero (2018). Both the films were romantic comedies but failed to impress the critics or the audience. She also appeared in Sui Dhaaga (2018), opposite Varun Dhawan, which was a social drama about a couple who start their own garment business. The film was well-received by the critics and performed decently at the box office.

She then took a break from acting for two years and focused on her production work. She produced two web series, Paatal Lok (2020) and Bulbbul (2020), which were released on Amazon Prime Video and Netflix respectively. Both the series were critically acclaimed and appreciated for their content, direction, and performances. She also made her digital debut as an actor with another web series, Mai (2021), which was also produced by her company.

She is currently working on two films, Kaneda (2022) and Jhulan Goswami biopic (2022), which are expected to release soon.

Personal Life

Anushka Sharma is married to Virat Kohli, the captain of the Indian cricket team, since 2017. They had a private wedding ceremony in Italy followed by receptions in Delhi and Mumbai. They have a daughter named Vamika, who was born in 2021.

Anushka Sharma is also a social activist and a philanthropist who supports various causes and charities. She is the ambassador of several brands and campaigns, such as Nivea, Pantene, Manyavar, Standard Chartered Bank, Google Duo, and Swachh Bharat Abhiyan. She is also the co-founder of an animal welfare organization called Pawsitive Farm Sanctuary. She is a vegetarian and a follower of Buddhism.

Anushka Sharma’s Awards and Achievements

Anushka Sharma has won several awards and accolades for her acting and production work, including a Filmfare Award, a Screen Award, a Zee Cine Award, an IIFA Award, a Stardust Award, a Dadasaheb Phalke Award, and a National Film Award. She has also been featured in various lists of the most influential and powerful women in India and the world, such as Forbes India’s Celebrity 100, Forbes Asia’s 30 Under 30, Time’s 100 Most Influential People, and Vogue India’s Women of the Year.

Conclusion

Anushka Sharma is one of the most versatile and successful actresses and producers in Bollywood. She has been a part of many blockbuster films and has also produced some critically acclaimed movies under her own banner. She is also a social activist and a philanthropist who supports various causes and charities. She is married to the Indian cricket captain Virat Kohli and they have a daughter named Vamika. She is an inspiration for many young women who aspire to make their mark in the entertainment industry.Rashmika Mandanna Biography motivenews.net

digitallycamera.com